RTO Officer एक प्रतिष्ठित पद होता है। इस पद को प्राप्त करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
सरकारी नौकरी का नाम सुनते ही भविष्य में सुरक्षा नाम का शब्द और भी मजबूती लेकर आता है। अगर आप भी अपना बेहतर भविष्य बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आप आरटीओ ऑफिसर बनने के बारे में विचार कर सकते हैं।
आज के आर्टिकल में हम आपको इसी बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि आरटीओ ऑफीसर क्या होता है? इसकी फुल फॉर्म क्या होती है? आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए क्या योग्यता होती है? इसकी कितनी सैलरी होती है? अन्य सभी की जानकारी देने जा रहे है।
आरटीओ ऑफीसर क्या होता है
आपने अक्सर ही आरटीओ ऑफिसर के बारे में जरूर सुना होगा। अगर आपके घर में गाड़ी है या किसी के पास लाइसेंस है तो इस बात की जानकारी आपको अवश्य होगी। यह सरकारी विभाग होता है जो भारत सरकार के अंतर्गत ही आता है। यह विभाग मोटर वाहन से जुड़े अधिनियम के पालन देखने को रक्षा के लिए बनाया हुआ है।
मोटर वाहन विभाग की स्थापना 1988 की धारा 213 के तहत की गई थी। यह पूरे देश में लागू एक केंद्रीय अधिनियम है। प्रत्येक राज्य और शहर में अपना ही एक आरटीओ कार्यालय होता है जहां पर सब की जिम्मेदारी अलग-अलग होती है।
आरटीओ की फुल फॉर्म (RTO Full Form in Hindi)
अगर आरटीओ की फुल फॉर्म आपको नहीं पता है तो आपको बताते हैं। RTO ka full form “Regional Transport office” जिसका हिंदी में मतलब होता है “क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय”।
आरटीओ ऑफिसर वह ऑफिसर होता है जो इन सभी दफ्तर में एक अधिकारी के तौर पर काम करता है। हर ऑफिस के लिए अलग-अलग आरटीओ ऑफिसर नियुक्त किया जाता है। सरल भाषा में ऑफिसर को इंचार्ज भी कहा जा सकता है।
आरटीओ के पद की रैंक
आरटीओ ऑफीसर ग्रेड बी का अधिकारी होता है। यह एक उच्च अधिकारी में सम्मिलित होता है जिसे अपने क्षेत्र के वाहन की जांच करने और वाहन से संबंधित सभी प्रकार के डॉक्यूमेंट की जांच करने का अधिकार प्राप्त होता है।
आरटीओ ऑफीसर के कार्य
अगर आप भी आरटीओ ऑफिसर बनने की चाहत रखते हैं तो इसके लिए आपको इस बात की जानकारी रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी है, कि आखिरकार आरटीओ ऑफिसर के क्या-क्या काम होते हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि आरटीओ ऑफीसर क्या काम करता है:
1. ड्राइविंग लाइसेंस
आपने अक्सर ही ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में सुना होगा। जब किसी वाहन को चलाया जाता है तो उसको चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। यह लाइसेंस आरटीओ डिपार्टमेंट के द्वारा ही मिलता है। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कुछ ड्राइविंग के टेस्ट देने भी अनिवार्य होते हैं। जब हम इन टेस्ट में पास हो जाते हैं तभी हमारा लाइसेंस बनता है। यह काम आरटीओ ऑफिस में होता है।
2. वाहन का रजिस्ट्रेशन
जब कोई व्यक्ति नया वाहन या साधन खरीदता है तो उस पर कानूनी आधार पर हक पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है। बिना नंबर प्लेट के कोई भी गाड़ी चलाना गैरकानूनी माना जाता है। यह काम भी आरटीओ डिपार्टमेंट का ही होता है। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको आरटीओ ऑफिस में जाना ही पड़ता है।
3. प्रदूषण का टेस्ट
आरटीओ टीम के द्वारा गाड़ियों का प्रदूषण लेवल भी टेस्ट किया जाता है, जिस वाहन में ज्यादा प्रदूषण होता है उनका लाइसेंस कैंसल कर दिया जाता है इसीलिए समय-समय पर प्रदूषण का टेस्ट भी अनिवार्य होता है।
4. बीमा (Insurance)
अगर आप अपने वाहन का इंश्योरेंस करवाना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको आरटीओ डिपार्टमेंट में जाना ही जरूरी होता है। यह काम आरटीओ ऑफीसर के द्वारा ही किया जाता है। अगर आपको अपनी गाड़ी का बीमा करवाना है तो आपको आरटीओ ऑफिस में जाना ही पड़ेगा।
यह सभी काम आरटीओ ऑफीसर को करने होते हैं। इसी के साथ आरटीओ ऑफीसर की पोस्ट भी अलग-अलग होती है लिए आपको उन सभी की जानकारी देते हैं।
आरटीओ ऑफीसर की पोस्ट
आपकी जानकारी के लिए बता दे की आरटीओ ऑफीसर में तीन तरह की पोस्ट जारी की जाती है। जैसे की:
- Clerical or Clerk
- Assistant Engineer Post
- Judicial Post
आरटीओ ऑफिसर कैसे बन सकते हैं (RTO Officer Kaise Bane?)
गाड़ियों का पंजीकरण भारतीय सरकार के विभाग के द्वारा ही किया जाता है जिसे RTO Department कहा जाता है। लेकिन आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए बहुत ही ज्यादा कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। आइए आपको विस्तार में समझाते हैं कि आरटीओ ऑफिसर कैसे बन सकते हैं।
आरटीओ ऑफीसर के लिए सीधा चयन नहीं होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले RTO या IMV के पद पर चयनित होना पड़ता है। इसके कुछ सालों बाद ही आरटीओ के पद पर नियुक्ति होती है।
आरटीओ बनने के लिए योग्यता
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए कुछ शैक्षिक योग्यता होना अनिवार्य होता है जिसमें पढ़ाई और आयु इत्यादि सभी की जानकारी निर्धारित की जाती है। जैसे की:
- सबसे पहले उम्मीदवार को 12वी पास होना अनिवार्य होता है।
- अगर आप इसमें और भी अधिक हाई पोस्ट प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सरकारी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन में पास होना अनिवार्य है।
- इस पद के लिए महिलाएं और पुरुष दोनों ही समान पूर्वक आवेदन कर सकते हैं।
- आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 साल है और अधिकतम आयु सीमा 30 साल है।
- ओबीसी उम्मीदवार के लिए 3 साल तक की छूट दी जाती है और एससी और एसटी के लिए 5 साल तक की छूट दी जाती है।
- बाकी सभी राज्यों की अलग-अलग आयु सीमा क्वालिफिकेशन अलग-अलग निर्धारित की जाती है।
आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए परीक्षाएं
सबसे पहले आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए आवेदन करना होता है जिसका आवेदन करना बहुत ही आसान होता है। आप इसके ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आरटीओ ऑफिसर एग्जाम में पास होने के लिए इसके बाद दो परीक्षाएं देनी होती है। इसके बाद इंटरव्यू भी अनिवार्य होता है।
RTO परीक्षा का सिलेबस
आरटीओ ऑफिसर की परीक्षा देने के लिए इस का सिलेबस भी तय किया जाता है उसके बाद पढ़ाई होती है और पढ़ाई के लिए टारगेट होना भी जरूरी है। इसीलिए इसमें कुछ सामान्य सब्जेक्ट ही सम्मिलित किए जाते हैं। जैसे कि:
- सामान्य नॉलेज
- सामान्य राज्य भाषा
- सामान्य अंग्रेजी
- सामान्य विषय
लिखित परीक्षा की जानकारी
आरटीओ की जो लिखित परीक्षा होती है वह 2 घंटे की होती है। इसमें 200 अंक का पेपर जारी किया जाता है और उसी के अनुसार प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें निम्नलिखित सब्जेक्ट से संबंधित प्रश्न किए जाते हैं।
- आर्थिक और सामाजिक विकास
- पर्यावरण और पारिस्थितिकी
- भारत का इतिहास और भूगोल
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वर्तमान घटनाक्रम
- अंग्रेजी भाषा
- सामान्य विज्ञान
आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए शारीरिक परीक्षण
लिखित परीक्षा पास करने के बाद फिजिकल टेस्ट होना भी अनिवार्य होता है। इसी के अनुसार नौकरी में पद निर्धारित किया जाता है।
अगर आप सुरक्षा से संबंधित नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं तो इसके लिए फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट का मानक अलग-अलग होता है और अगर आप अन्य पद के लिए आवेदन कर रहे हैं तो उसका स्टैंडर्ड भी अलग होता है।
फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट के द्वारा उसे विभागीय संस्था के योग्य और अयोग्य ही आपको घोषित किया जाता है और उसी के अनुसार आपको पद भी दिया जाता है। इसीलिए उम्मीदवार को उसमें भी उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है।
फिजिकल टेस्ट चयन प्रक्रिया लड़की या लड़का माप तोल विभिनता के अनुरूप ही होता है जैसे की लंबाई सीना दौड़ इत्यादि सभी को निर्धारित करते हुए फिजिकल टेस्ट किया जाता है। पुरुष अभ्यार्थी के बजाएं महिला अभ्यर्थी को कुछ चीजों में छूट भी दी जाती है।
आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए मेडिकल टेस्ट
आरटीओ के मेडिकल टेस्ट में आपको घुटने पैर फ्लैट, अंगूठा में हेलिक्स, हड्डियों में कहीं असमानता, पैर धनुषाकार, जोड़ों में कहीं भी असामान्यता, छाती अंदर धसी हुई ना हो, उभरी और स्वस्थ मसल्स और भी कई प्रकार की जांच मेडिकल टेस्ट में की जाती है।
मेडिकल टेस्ट के समय पर प्रत्येक अंग के मानक डॉक्टर वहां पर उपलब्ध रहते हैं जिससे वह आपको योग्य और अयोग्य घोषित करते हैं।
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आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए इंटरव्यू
जब दोनों Exam पास कर लिए जाते हैं तब Interview होना भी अनिवार्य होता है। इसमें विभाग द्वारा गठित समिति के समक्ष इंटरव्यू होता है। जहां पर आपसे कुछ सवाल जवाब किए जाते हैं और मानसिक जांच भी की जाती है। जब आप इंटरव्यू उत्तीर्ण कर लेते हैं तभी आपका चयन होता है।
आरटीओ ऑफिसर की सैलरी (Salary of RTO Officer 2024)
जब हम कोई नौकरी के बारे में सोचते हैं तब हम यही सोचते हैं कि वहां पर हमें कितनी सैलरी मिल सकती है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह पोस्ट एक सम्मानजनक पोस्ट होती है। यहां पर आपको ₹20000 से लेकर ₹40000 तक की सैलरी शुरुआती समय में दी जाती है। इसी के साथ समय के अनुसार आपकी सैलरी में बढ़ोतरी होती रहती है।
FAQ:-
1. आरटीओ की फुल फॉर्म क्या होती है?
Ans: आरटीओ की फुल फॉर्म रीजनल ट्रांसपोर्ट कार्यालय होती है।
2. आरटीओ का प्रमुख कौन होता है?
Ans: परिवहन आयुक्त आरटीओ का प्रमुख होता है।
3. आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
Ans: आरटीओ ऑफीसर बनने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री होना अनिवार्य है।
निष्कर्ष:-
उम्मीद करते हैं आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। आज के आर्टिकल में हमने आपको आरटीओ ऑफीसर बनने की संपूर्ण जानकारी दी है। अगर आप भी इस पद को प्राप्त करना चाहते हैं तो जी तोड़ मेहनत करें और RTO Officer बने। यह प्रतिष्ठित पद होता है। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।