Sarpanch नाम से आप सभी भली भांति परिचित होंगे क्योंकि सरपंच ही ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति का मुख्यमंत्री माना जाता है। सरपंच के अंतर्गत उप सरपंच तथा वार्ड पंच जैसे पद आते हैं। गांव की राजनीति के लिए सरपंच का पद अहम माना जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में सरपंच को अलग अलग नाम से जानते हैं। आमतौर पर उत्तर-पश्चिमी राज्यों में बड़े भू-भाग पर गांव के मुखिया को सरपंच कहा जाता है। गांव के अंतर्गत होने वाले सभी सरकारी विकास कार्य सरपंच की निगरानी में होते हैं। सरपंच ही सभी सरकारी कामकाज को अपने अनुसार करवाता है। इस बीच सरपंच मोटी राशि वसूल कर लेता है। यही वजह है कि सरपंच के चुनाव में बहुत बड़ी भागदौड़ देखने को मिलती है।
सरपंच की सैलरी तो इतनी होती है, कि उससे कई गुना ज्यादा सैलरी चपरासी को मिलती है। फिर भी सरपंच बनने के लिए ग्रामीणों में होड़ लगी रहती है। इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण तो यह कि सरपंच का पद एक महत्वपूर्ण पद होता है। गांव का सबसे बड़ा पद होता है। सरपंच को गांव का मुखिया कहा जाता है यानी कि गांव का मुख्य व्यक्ति। इसीलिए यहां पर मान सम्मान की वजह से और पहचान की वजह से लोग सरपंची लेना चाहते हैं। दूसरी वजह है यहां पर मोटी कमाई होना। वर्तमान समय में अब सरपंच के हाथ यह कमाई नहीं लगती है, लेकिन कुछ समय पहले सरकार की तरफ से किए जाने वाले सभी विकास कार्य ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत सरपंच के अंतर्गत ही होते थे।
गांव की राजनीति के अंतर्गत सरपंच मुख्य भूमिका निभाता है। विकास कार्य हेतु सरकार की तरफ से पास किया गया बजट गांव के सरपंच को मिलता है। गांव का सरपंच उस बजट से गांव का विकास करवाता है। इस दौरान सरपंच मोटी कमाई कर लेता है। ऐसी बातें अक्सर कही जाती है। यही वजह है कि सरपंच बनने के लिए ग्रामीणों में काफी उत्सुकता देखने को मिलती है। सरपंच आज भी भारत के अनेक सारे ऐसे पिछले और दूरदराज के गांवों में पंचायत में बैठकर ग्रामीणों के आपस में झगड़े सुलझाता है। तो आइए जानते हैं कि सरपंच कैसे बनते हैं?
सरपंच क्या होता है —
सरपंच गांव का मुखिया होता है यानी कि एक ऐसा मुख्य व्यक्ति जो सभी तरह के सरकारी कामकाज अपनी निगरानी में गांव के अंतर्गत करवाता है। गांव की राजनीति में सरपंच का पद महत्वपूर्ण माना जाता है। सरपंच को गांव की जनता मतदान के आधार पर चुनती है। सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इस अवधि के दौरान सरपंच गांव के अंतर्गत जरूरी कामकाज की सूची विधायकों को सोंपता है। कुछ गांवों में निर्विरोध भी सरपंच का चयन किया जाता है। हालांकि कुछ समय पहले लगभग प्रत्येक गांव में निर्विरोध ही सरपंच को चुना जाता था।
गांव का नाम आते ही हमारे दिमाग में ग्रामीण परिवेश और सरपंच का भी नाम जरूर आता है क्योंकि सरपंच गांव की वजह से जाने जाते हैं और गांव सरपंच के नाम से सम्मानित होता है। गांव का सरपंच स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर स्कूल में जाकर झंडा फहराता है, मिठाइयां बांटता है और भाषण देता है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के अंतर्गत होने वाले सभी तरह के कामकाज को सुचारू रूप से करवाता है। ग्रामीण स्तर पर होने वाली मीटिंग सरकारी कामकाज तथा पटवारी, ग्रामसेवक जैसे अधिकारी को सहायता प्रदान करता है ताकि बेहतर ढंग से गांव का विकास हो सकें।
सरपंच बनने की योग्यता —
हमारा भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसलिए इस लोकतांत्रिक देश में कुछ भी बनाने के लिए योग्यता निर्धारित की गई है, उसे योग्यता के आधार पर कोई भी व्यक्ति किसी भी पद के लिए आवेदन कर सकता है और अपनी योग्यता सिद्ध करने के बाद उस पद पर कार्यरत हो सकता है। भारत में ग्रामीण स्तर पर होने वाले चुनाव के अंतर्गत सरपंच के चुनाव के लिए भी योग्यता निर्धारित की गई है। इस योग्यता के आधार पर कोई भी व्यक्ति गांव के सरपंच का चुनाव लड़ सकता है। आइए समझते हैं कि सरपंच बनने के लिए क्या-क्या चाहिए:
- उम्मीदवार गांव का स्थानीय नागरिक होना चाहिए।
- सरपंच बनाने का उम्मीदवार कम से कम 10 वीं पास होना चाहिए।
- सरपंच बनने के लिए कम से कम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम आयु के लिए कोई नियम लागू नहीं है।
- उम्मीदवार के 2 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए।
- उम्मीदवार आर्थिक रूप से दिवालिया नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार को गांव के सरपंच बनाने में रुचि होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के पास नाम पता संबंधित सभी दस्तावेज होने चाहिए।
सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए इस प्रकार की कुछ योग्यता का होना आवश्यक है। यह सामान्य योग्यता है जो आमतौर पर सभी लोगों के पास होती है क्योंकि प्रत्येक राज्य में सरपंच बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता का होना अनिवार्य नहीं है तथा सरपंच उम्मीदवार की आए और उसके व्यक्तिगत जीवन से संबंधित योग्यता निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि कुछ राज्यों में इस तरह की योग्यता देखने को मिलती है।
सरपंच बनने के लिए जरूरी दस्तावेज —
किसी भी लोकतांत्रिक देश में किसी भी पद के लिए कुछ योग्यता एवं संबंधित जरूरी दस्तावेजों का होना आवश्यक होता है। अगर आप सरपंच बनना चाहते हैं तो आपके पास भी कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए। उसी के आधार पर आपको सरपंच का चुनाव लड़ने का मौका प्रदान किया जाएगा क्योंकि यह दस्तावेज आपकी पहचान और आपके बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। सरपंच बनने के लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार निम्नलिखित हैं —
- आधार कार्ड
- वोटर कार्ड
- पासपोर्ट
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- ऐड्रेस प्रूफ
- इनकम प्रूफ
- जाति प्रमाण पत्र
इस प्रकार के कुछ महत्वपूर्ण और जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता सरपंच बनने के उम्मीदवार को होती है। पहचान के तौर पर आधार कार्ड वोटर कार्ड पासपोर्ट इत्यादि कोई भी एक प्रूफ बता सकते हैं। इसके अलावा इनकम प्रूफ अथवा बैंक पासबुक तथा जाति प्रमाण पत्र एवं पासपोर्ट साइज फोटो आवश्यक माना जाता है। इस प्रकार से संबंधित जरूरी दस्तावेज अपने पास रखे हैं और सरपंच उम्मीदवार के नामांकन दस्तावेजों के साथ अपना नामांकन दाखिल कराए।
गांव के हजारों और लाखों ही नहीं बल्कि करोड़ों लोग सरपंच के बनने का इंतजार करते हैं। कुछ लोग तो सरपंच बनने की राह देखते ही रह जाते हैं। लेकिन उन्हें सरपंच बनने का मौका नहीं मिलता क्योंकि सरपंच का पद लोगों की सहमति से मिलता है। चाहे वह निर्विरोध हो या फिर मतदान हो। जितने चाहे उतने लोग सरपंच का चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन सरपंच वही बनेगा, जिसे सबसे अधिक मतदान मिलेगा। सरपंच का चुनाव गांव के सभी लोगों के लिए गांव में करवाया जाता है। गांव के सभी लोग अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देते हैं।
गांव में सरपंच बनने के चुनाव पंचायती राज आयोग द्वारा करवाए जाते हैं। प्रत्येक 5 वर्ष बाद यह आयोग ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच के चुनाव का आयोजन करवाता है, जिसके अंतर्गत पहले से ही लोग सरपंच पद के लिए खड़े हो जाते हैं और चुनाव से कुछ दिन पहले गांव में आए हुए पंचायती राज आयोग के अधिकारियों के सामने अपना नामांकन दर्ज करवाते हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग गांव में मतदान करवाता है। सभी लोग अपने पसंद के सरपंच उम्मीदवार को वोट देते हैं जिस सरपंच उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलता है वह उम्मीदवार विजयी कहलाता है।
आमतौर पर सरपंच के चुनाव की मतगणना उसी दिन कर दी जाती है। हालांकि मतगणना होने तक काफी रात हो जाती है। लेकिन लोगों की उत्सुकता को देखते हुए मतगणना उसी दिन कराई जाती है। जब तक सरपंच के चुनाव का परिणाम नहीं आ जाता तब तक लोग खाना नहीं खाते हैं और सुख से बैठ भी नहीं पाते। मतदान का परिणाम आने के बाद ही पता चलता है कि कौन जीत गया और कौन हार गया है। उसके बाद जीतने वाले लोगों में उत्साह देखने को मिलता है और हारने वाले लोग हताश होकर घर लौट जाते हैं। हालांकि दूसरे दिन हारने वाले प्रत्याशी को भी जीतने वाला प्रत्याशी अपने घर पर बुलाता है और साथ में बैठकर दूरियां मिटाते हैं।
सरपंच का चुनाव बैलेट पेपर पर करवाया जाता है। सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक आमतौर पर सरपंच का चुनाव करवाया जाता है और इस समयावधि के दौरान आसानी से सरपंच का चुनाव संपन्न हो जाता है। जिसके बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू होती है। चुनाव के दौरान तथा मतगणना के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहता है। हारने वाले प्रत्यक्ष और जीतने वाले प्रत्याशी दोनों एक साथ बैठते हैं और दूरिया मिटाते हैं। यही वजह है कि गांव की राजनीति रोमांचक होती है। लोग चुनाव को भूल कर पहले की तरह हंसी खुशी से अपना जीवन यापन करते हैं। सरपंच गांव के पंचायत भवन में बैठकर गांव का विकास कार्य करवाता है।
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Conclusion
सरपंच का पद गांव का महत्वपूर्ण और सर्वोच्च पद माना जाता है क्योंकि इस पद का चयन ग्राम वासी मतदान करके करते हैं। इस पद पर कार्यरत व्यक्ति गांव का मुख्य व्यक्ति अर्थात गांव का मुखिया कहलाता है। यह पद एक सम्मानजनक पद होता है जिसे संपूर्ण ग्रामवासी सम्मान से जानते हैं। सरपंच की कुछ जिम्मेदारियां और कुछ कार्य होते हैं जिसे सरपंच को बखूबी निभाना होता है। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए निर्धारित किया गया बजट सरपंच को सही ढंग से उपयोग करना होता है और ग्राम की समस्याओं से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य करवाने होते हैं।
अगर आप भी सरपंच बनना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार पूर्वक बता चुके हैं कि सरपंच बनाने के लिए क्या-क्या करना होता है? सरपंच कैसे बनते हैं? हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है? तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर अवश्य देंगे। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे सोशल मीडिया के जरिए अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस जानकारी के बारे में पता चल सकें।