अगर आपने 12वीं कक्षा पास कर ली है और अब आप चिकित्सा के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ जानकारी लाये हैं। आशा करते हैं कि हमारी यह जानकारी आपके लिए आवश्यक लाभदायक रहेगी। हम आपके यहां पर जानकारी प्रदान करेंगे की 12वीं कक्षा पास करने के बाद आप मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए कौन-कौन से कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्स कों करने के लिए आपके पास क्या योग्यता होनी चाहिए तथा इन्हें करने के बाद आपको कौन सी Job मिलेगी।
चिकित्सा के क्षेत्र में बना सकते हैं शानदार करियर (Medical Courses After 12th)
जिन उम्मीदवारों ने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से पढ़ाई की है, वे 12 वीं कक्षा के बाद विभिन्न प्रकार के चिकित्सा पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं और 12th के बाद मेडिकल फील्ड में करियर बना सकते हैं। इस प्रकार आप अपने लिए एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकते है। कक्षा 12 के बाद अधिकांश मेडिकल कोर्स में एडमिशन NEET-UG के माध्यम से होने के बाद भी कुछ ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो अन्य राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर भी दाखिला देते है। इस लेख में आज हम 12th के बाद मेडिकल कोर्स की तैयारी के बारे में सारी जानकारी देंगे ताकि आप आसानी से सबकुछ समझ पाये।
बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और बैचलर सर्जरी (MBBS)
अगर 12th के बाद मेडिकल कोर्स की बात करें तो सबसे पहला नाम MBBS का आता है। यह भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध मेडिकल कोर्स में शामिल है। एमबीबीएस एक 5 वर्ष की स्नातक डिग्री है। इसमें शुरुआत के 4 वर्षों तक मेडिकल चिकित्सा के बारे में पढ़ाई करवाई जाती है तथा आखिरी 1 वर्ष के लिए इंटर्नशिप कराई जाती है। एमबीबीएस कोर्स के दौरान उम्मीदवारों को प्रीक्लिनिकल, पैरा-क्लीनिक और क्लीनिक विषय पढ़ाए जाते हैं। एमबीबीएस कोर्स करने के बाद, उम्मीदवारों को डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है। जिन उम्मीदवारों ने 12वीं कक्षा में फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी का अध्ययन किया है, वे एमबीबीएस कोर्स करने के लिए योग्य होते है। एमबीबीएस करने के लिए छात्रों की आयु कम से कम 17 वर्ष की होनी चाहिए। भारत में MBBS में प्रवेश राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के आधार पर लिया जा सकता है।
बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS)
बीडीएस भी भारत में सबसे प्रमुख चिकित्सा पाठ्यक्रमों में से एक है। बीडीएस कोर्स 5 साल का होता है जिसमें एक साल के लिए रोटरी इंटर्नशिप आती है। बीडीएस कोर्स के दौरान, उम्मीदवार सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक दंत शल्य चिकित्सा की ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं। एमबीबीएस के जैसे ही बीडीएस कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम उम्र 17 वर्ष होनी चाहिए। इस कोर्स के लिए आवश्यक है कि उम्मीदवार ने मुख्य तीन विज्ञान विषयों से अपनी 12वीं की कक्षा की पढ़ाई पूरी की हो। BDS कोर्स में प्रवेश NEET स्कोर के आधार पर मिलता है। ध्यान रहे कि मात्र वहीं उम्मीदवार जो न्यूनतम कट ऑफ क्लियर करके NEET-UG परीक्षा पास करते हैं, किसी भी डेंटल कॉलेज में BDS में प्रवेश पाने के लिए योग्य होते है. यानी कि सिर्फ इन्हीं उम्मीदवारों को एडमिशन मिलता है।
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS)
यह भी एक अच्छा कोर्स है जिसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए। बीएचएमएस कोर्स की समय अवधि 5.5 वर्ष है और यह एक यूजी मेडिकल कोर्स है। BHMS आयुष पाठ्यक्रमों के अंतर्गत शामिल है। BHMS कोर्स के उम्मीदवारों की पोस्टिंग भारत में होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में होती है। बीएचएमएस कोर्स में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम योग्यता कक्षा 12 वी पास है। ऐसे में यह भी उम्मीदवारों के लिए एक अच्छा मेडिकल कोर्स है जो उनके करियर को बेहतर बना सकता है।
बैचलर ऑफ़ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS)
BAMS पाठ्यक्रम भारत में आयुष पाठ्यक्रमों के अंतर्गत आता है। BAMS 5.5 साल का एक यूजी स्तर का मेडिकल कोर्स है। बीएएमएस स्नातक आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर के रूप में कार्य करते है। बीएएमएस कोर्स के पाठ्यक्रम में मानव विकारों के उपचार के लिए आयुर्वेद चिकित्सा और सर्जरी का अध्ययन करवाया जाता है। BAMS पूरा करने वाले उम्मीदवार एमएस और आयुर्वेद में एमएड (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) कोर्स में दाखिला ले सकते है।
बैचलर ऑफ़ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (BUMS)
BUMS एक अंडर ग्रेजुएट आयुष कोर्स होता है। BUMS डिग्री करने के लिए कुल 5.5 वर्ष का समय लगता है जिसमें 1 वर्ष अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है। बीयूएमएस कोर्स चिकित्सा उपचार के यूनानी तरीकों पर बेस्ड है। बीयूएमएस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए, उम्मीदवारों को कम से कम 50% अंकों के साथ कक्षा 12 वी पास होना चाहिए। इसके साथ हु उसे एनईईटी प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। बीयूएमएस पाठ्यक्रमों के लिए एनईईटी की कट ऑफ बीएचएमएस और बीएएमएस पाठ्यक्रम के बराबर होती है। अन्य सभी आयुष पाठ्यक्रमों की तरह, BUMS पाठ्यक्रमों में एडमिशन भी AACCC के माध्यम से किया जाता है।
बीएससी नर्सिंग (Bachelor of Science in Nursing)
B.Sc कोर्स कों करने के बाद आप एक आपको एक पेशेवर नर्स बन सकते है। इस कोर्स को करने के लिए योग्यता मानदंड भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ 10 + 2 पास होनी चाहिए। आपको बता दें कि B.Sc कोर्स की अवधि 3-4 साल है।
B.Pharma (फार्मेसी)
B.Pharma डिग्री आपको भारत में एक लाइसेंस प्राप्त रसायनज्ञ बनने में सहायता करता है। कोर्स के लिए 4 वर्ष का समय लगता है। कोर्स मुख्य रूप से फार्मेसी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा जैसे विषयों पर आधारित होता है।
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निष्कर्ष:-
अगर आपने 12वीं कक्षा पास कर ली है और अब आप चिकित्सा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। हमारे इस लेख में हम आपके लिए कुछ ऐसी कोर्सेज की जानकारी लाये हैं जिन्हें आप 12वीं कक्षा के बाद कर सकते हैं और मेडिकल के क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख अवश्य पसंद आएगा। हमने यहां पर आपको जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है कि आप 12वीं के बाद कौन-कौन से मेडिकल कोर्स कर सकते हैं और उनके लिए क्या योग्यता रहने वाली है। ऐसे में आप आसानी से किसी भी मेडिकल कोर्स में दाखिला ले सकते हैं।