देशभर के युवा पढ़ाई करने के पश्चात किसी ने किसी पर नौकरी लेना चाहते हैं और अपने कैरियर को सफल बनाना चाहते हैं। आज के समय में सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए जो प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। उस प्रतिस्पर्धा को देखते हुए कई लोग प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी ढूंढने का प्रयास करते रहते हैं।
देशभर के युवा अलग-अलग तरह के डिप्लोमा व डिग्री के जरिए अपने करियर को सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं। देश में केमिकल इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और यह वैकेंसी का निकलना काफी आम हो गया है। इतना ही नहीं देश की केमिकल इंडस्ट्री में अलग-अलग पदों पर व्यक्ति प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरी प्राप्त कर सकता है। आज के आर्टिकल में हम आपको Chemical Engineer kaise bane इसके बारे में डिटेल में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
केमिकल इंजीनियर कौन होता है?
विज्ञान और टेक्नोलॉजी का एक ऐसा हिस्सा जो कच्चे उत्पादों को केमिकल के रूप में प्रिंसिपल को फॉलो करते हुए प्रोडक्ट में परिवर्तित करने का मौका देते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाने वाले व्यक्ति को केमिकल इंजीनियर कहा जाता है।
केमिकल इंजीनियर इस प्रक्रिया को पूरा करके प्रोडक्ट की क्वालिटी को मेंटेन रखते हुए उत्पाद को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाता है। केमिकल इंजीनियर ही हर प्रकार के कॉस्मेटिक और दवाइयां जैसे पदार्थों को रासायनिक क्रियाओं और कच्चे केमिकल के जरिए बनाते हैं। केमिकल इंजीनियर प्रोडक्ट की क्वालिटी को बनाए रखने में और नियमित उसी क्वालिटी में प्रोडक्ट का उत्पादन करने में अपनी भूमिका निभाते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग क्या है?
रसायन विज्ञान या फिर साइंस टेक्नोलॉजी की एक ऐसी डिग्री जो किसी भी कच्चे उत्पादों और केमिकल को प्रोसेस करते हुए नियमों को फॉलो करते हुए प्रोडक्ट में परिवर्तित करते हैं। इस पढ़ाई या इस कोर्स को केमिकल इंजीनियरिंग कहा जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग में केमिस्ट्री बायोलॉजी और फिजिक्स के साथ-साथ मैथमेटिक्स के कांसेप्ट का भी उपयोग किया जाता है।
जिनके माध्यम से प्रोडक्ट की क्वालिटी को मेंटेन रखा जाता है। यह संपूर्ण कोर्स केमिकल इंजीनियरिंग डिग्री के तहत आपको पढ़ाए जाते हैं। जो उम्मीदवार केमिकल इंजीनियर बनना चाहता है। उसे केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री के तौर पर इन सभी विषयों पर पढ़ाई करनी होती है।
केमिकल इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम
केमिकल इंजीनियरिंग के लिए विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रकार के एंट्रेंस एग्जाम करवाए जाते हैं। उन्हें एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से ही एलिजिबिलिटी को ध्यान में रखते हुए छात्रों को कॉलेज में दाखिला दिया जाता है। केमिकल इंजीनियरिंग के लिए होने वाले एंट्रेंस एग्जाम की सूची नीचे को इस प्रकार से दी गई है:
- JEE Main
- जेई एडवांस
- महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (MHT CET)
- GATE
- बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस ऐडमिशन टेस्ट (BITSAT)
- SRM यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंटरेंस एक्जाम
- वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंटरेंस एग्जामिनेशन (VITEEE)
Chemical Engineer Kaise Bane?
केमिकल इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों को नीचे दिए थे। निम्नलिखित चरणों को फॉलो करना चाहिए इन चरणों को फॉलो करते हुए आफ केमिकल इंजीनियर बन सकते हैं।
1. सर्वप्रथम 12वीं कक्षा पास करें?
सबसे पहले आपको अपने पढ़ाई के प्रोसेस को आगे बढ़ाते हुए 12वीं कक्षा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास करनी होगी। 12वीं कक्षा पास करने के बाद आपको क्षेत्र में आगे डिग्री व डिप्लोमा लेने की जरूरत होती है।
2. केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करें
केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री या डिप्लोमा लेने के लिए आपको कॉलेज में आयोजित होने वाले प्रवेश परीक्षा में भाग लेकर डिग्री व डिप्लोमा के लिए दाखिला लेना होगा। केमिकल इंजीनियर बनने के लिए आपके पास केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा होना अनिवार्य है या फिर आप स्नातक की डिग्री के पश्चात मास्टर डिग्री कोर्स करके भी केमिकल इंजीनियर बन सकते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स
केमिकल इंजीनियर का डिप्लोमा दसवीं कक्षा पास करने के बाद भी किया जा सकता है। दसवीं कक्षा के बाद आपको 3 वर्ष के लिए डिप्लोमा कोर्स लेना होता है। इसके लिए न्यूनतम 50% अंक होने अनिवार्य है। इसके अलावा आप 12वीं कक्षा पास करने के पश्चात अंडर ग्रेजुएशन केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री भी ले सकते हैं।
जो विद्यार्थी दसवीं कक्षा के बाद 3 साल का डिप्लोमा ले चुके हैं। उन्हें डिग्री लेने के लिए सीधा सेकंड ईयर में एडमिशन मिल जाता है और ऐसे में विद्यार्थी 4 साल का कोर्स 3 साल में ही पूरा कर सकता है और अंडर ग्रेजुएशन डिग्री बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) की हासिल कर सकता है।
उसके पश्चात विद्यार्थी ग्रेजुएशन की डिग्री जैसे ही पूरी होती है। तो 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएशन यानी कि मास्टर डिग्री केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में लेकर इंडस्ट्रियल नॉलेज प्राप्त कर सकता है।
उच्च श्रेणी की गुणवत्ता और उच्च श्रेणी के अनुभव के लिए विद्यार्थी पीएचडी की डिग्री लेकर अपने आप को और अधिक अनुभवी बना सकते हैं या डिग्री लेने के लिए विद्यार्थी के पास पोस्ट ग्रेजुएशन में न्यूनतम 50% अंक होने अनिवार्य है। उसके पश्चात आप इस क्षेत्र में पीएचडी की डिग्री ले सकते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप
विद्यार्थी के लिए सबसे मुख्य मुद्दा यही होता है, कि किसी भी कोर्स को करने के पश्चात उसके भविष्य के लिए कौन-कौन से स्कोप खड़े होते हैं। प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में केमिकल इंजीनियरिंग करने के पश्चात इन पदों पर नौकरी करने का स्कोर आपको मिल जाता है।
- केमिकल इंजीनियर
- लेक्चरर
- एनालिटिकल केमिस्ट
- माइनिंग इंजीनियर
- एनर्जी मैनेजर
- डेवलपमेंट केमिकल इंजीनियर
- सुपरवाइजर
केमिकल इंजीनियरिंग के बाद नौकरी के क्षेत्र
केमिकल इंजीनियर विभिन्न प्रकार के इंडस्ट्री में केमिकल इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं। केमिकल इंजीनियरिंग के बाद कौन कौन से डिपार्टमेंट में आपको नौकरी के अवसर मिलते हैं। उसकी सूची नीचे कुछ इस प्रकार से दी गई है:
- पैट्रोलियम इंडस्ट्री
- फूड इंडस्ट्री
- टेक्सटाइल इंडस्ट्री
- केमिकल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री
- रबर इंडस्ट्री
- पेपर इंडस्ट्री
- प्लास्टिक इंडस्ट्री
- सीमेंट इंडस्ट्री
- पब्लिक सेक्टर इंडस्ट्री
- फर्टिलाइजर इंडस्ट्री
- गवर्नमेंट / पब्लिक सेक्टर
- ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC)
- Coal इंडिया लिमिटेड (CIL)
- गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड
- स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
- नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड
केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स की फीस (Chemical Engineer Course Fees)
केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थियों के मन में केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री व डिप्लोमा लेने के लिए कितनी फीस लगेगी इसके बारे में हमेशा सवाल खड़े होते रहते हैं। अंडर ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के लिए सरकारी कॉलेज की फीस ₹6000 से ₹10000 के बीच होती है।
लेकिन प्राइवेट कॉलेज में यह फीस ₹30000 से लेकर ₹100000 तक हो सकती है। डिप्लोमा के लिए सरकारी कॉलेज की फीस ₹2000 से लेकर 8 से ₹10000 तक हो सकती है। तो दूसरी तरफ प्राइवेट कॉलेज में यदि आप कॉमिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा लेते हैं, तो वहां आप को सैलरी के तौर पर ₹25000 से लेकर ₹80000 तक की फीस बढ़ानी पड़ सकती है।
अंडर ग्रेजुएशन की डिग्री होने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के लिए सरकारी कॉलेज में ₹2000 से ₹8000 तक की फीस देनी होती है। परंतु प्राइवेट कॉलेज में ₹50000 से लेकर ₹150000 तक की फीस हो सकती है।
केमिकल इंजीनियर सैलेरी कितनी है? (Chemical Engineer Salary in India 2024)
केमिकल इंजीनियर बनने के पश्चात व्यक्ति को कितनी सैलरी मिलेगी इसके बारे में हमेशा हर तैयारी करने वाला उम्मीदवार सोचता रहता है। केमिकल इंजीनियर बनने के पश्चात आप अपने अनुभव और अपने काम करने के तरीके के अनुसार अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
सैलरी के बारे में यदि हम बात करें तो सर्वप्रथम आपकी सैलरी का निर्धारण आपके ऑर्गनाइजेशन पर निर्भर करता है। परंतु एक सामान्य सैलरी ₹500000 से लेकर ₹800000 प्रति वर्ष आराम से मिल जाती है। और जैसे-जैसे आप का अनुभव बढ़ता जाता है। सैलरी में भी इजाफा होता रहता है।
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निष्कर्ष
आज के आर्टिकल में हमने आपको केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री व डिप्लोमा के तहत केमिकल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं। इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है जिन लोगों के मन में केमिकल इंजीनियर कैसे बने इसके बारे में सवाल थे। हमने पूरी कोशिश की है, कि आपके सभी सवालों का जवाब इस आर्टिकल के जरिए दिया गया है। हमें उम्मीद है, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि हमारे इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल आपके मन में है, तो आप हमें कमेंट के जरिए बता सकते हैं।