विज्ञान का विषय काफी बड़ा है इसीलिए कक्षा के अनुसार निर्धारित किया गया अध्याय Science Teacher द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है। तो अगर आप भी एक विज्ञान का अध्यापक बनना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। वर्तमान समय में विज्ञान काफी बड़े लेवल पर पहुंच चुका है, Science ने काफी तरक्की कर ली है तथा इस क्षेत्र में काफी बड़ा स्कोप देखने को मिलता है। इसीलिए अधिकांश युवा विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं प्रत्येक युवा विज्ञान सब्जेक्ट को चुनकर उसके तहत अपना भविष्य संवारने के सपने देखता है। इसीलिए छोटी स्कूलों से ही अलग से विज्ञान का अध्यापक नियुक्त किया जाता है जो शुरुआत से ही विज्ञान का ज्ञान और विज्ञान की समझ देता है। विज्ञान का अध्यापक (Science Teacher) काफी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसीलिए विज्ञान के अध्यापक की सैलरी भी अच्छी होती है।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर साइंस टीचर के भर्ती की घोषणा की जाती है। राज्य और केंद्र स्तर पर संचालित स्कूलों के लिए हर वर्ष Science Teacher की भर्ती का आयोजन होता है। जिसका नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आप उस भर्ती के लिए आवेदन करके साइंस टीचर बन सकते हैं। एक सरकारी साइंस टीचर बनने के बाद आप एक बेहतर भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। क्योंकि यहां पर अच्छा वेतन और काफी सम्मान मिलता है जबकि प्राइवेट संस्थान ज्वाइन करके भी आप अच्छा वेतन और सम्मान पा सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो अपना खुद का कोचिंग सेंटर खोल सकते हैं या दूसरे कोचिंग सेंटर में नौकरी की तरह काम भी कर सकते हैं। साइंस टीचर के लिए काफी करियर स्कोप देखने को मिलते हैं।
वर्तमान समय में अधिकांश युवा विज्ञान का टीचर बनना चाहते हैं जो युवा अध्यापक के लिए इच्छुक हैं। वह तो मुख्य रूप से विज्ञान का अध्यापक ही बनना चाहते हैं। Science का अध्यापक बनने पर अच्छी सैलरी अच्छा पद और काफी सम्मान मिलता है। यह एक महत्वपूर्ण और बड़ा पद है इस पद पर कार्यरत अध्यापक विद्यार्थियों को विज्ञान पढ़ाता है। अब तक विज्ञान में हुए आविष्कार के बारे में बताता है विज्ञान विषय के तहत आने वाले प्रयोगों को सिद्ध करके बताता है।
साइंस टीचर क्या होता है?
साइंस को हिंदी में विज्ञान कहते हैं और टीचर का अर्थ अध्यापक होता है। तो साइंस टीचर का मतलब विज्ञान का अध्यापक बनता है यानी कि विज्ञान पढ़ाने वाला अध्यापक Science Teacher होता है। इस अध्यापक का काम विज्ञान विषय को छात्रों को पढ़ाना होता है। पाठ्यक्रम में निर्धारित किया गया विज्ञान का ज्ञान छात्रों को देना होता है। विज्ञान के तहत आने वाले आविष्कार और प्रयोगों के बारे में बताता है प्रयोग सिद्ध करके बताता है और विज्ञान की जर्नी तथा विज्ञान में आगे बढ़ने के रंग रूप समझाता है। साइंस टीचर आपको छोटे स्कूलों से लेकर बड़े-बड़े कॉलेज स्कूल और शिक्षण संस्थान में देखने को मिल जाते हैं।
यदि आप भी एक साइंस टीचर बनना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपको विज्ञान विषय में रुचि होनी चाहिए क्योंकि बिना रुचि के इस विषय में आगे बढ़ना इतना आसान नहीं होगा। अगर आपका विज्ञान विषय में रुचि है तो आप साइंस टीचर बन सकते हैं। अगर आप विद्यालय स्तर पर अध्ययन या ग्रेजुएट कर रहे हैं या फिर पोस्टग्रेजुएट कर रहे हैं। तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि Science Teacher kaise bane क्योंकि Science Teacher बनने से पहले आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि साइंस टीचर बनने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है। कौन-कौन से कोर्स करने होते हैं कौन-कौन सी परीक्षा देनी होती है तब जाकर साइंस टीचर बनता है।
विज्ञान का विषय बहुत ही scope वाला विषय है अगर आप विज्ञान के क्षेत्र में टीचर बनते हैं तो आपको देश और दुनिया भर के अनेक सारे स्कूल कॉलेज और शिक्षण संस्थान में नौकरियां मिल जाती है। आप अपना खुद का अलग से एक विज्ञान स्कूल भी खोल सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपकी विज्ञान के प्रति रुचि होनी चाहिए और विज्ञान को बारीकी से समझने की भी जरूरत होती है। आप दसवीं कक्षा पास करने के बाद पूरी तरह से विज्ञान में पढ़ाई कर सकते हैं। 12वीं कक्षा में आप विज्ञान विषय का चयन करके आगे की पढ़ाई भी विज्ञान में करें। ग्रेजुएशन करने के बाद किसी भी शिक्षण संस्थान से अध्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करने के पात्र हो जाते हैं।
साइंस का टीचर कैसे बनें? Science Teacher Kaise Bane?
Science Teacher बनने के लिए साइंस स्ट्रीम में अच्छी तरह से अध्ययन करने की आवश्यक है। साइंस विषय में अच्छी दक्षता प्राप्त करने के साथ-साथ टीचर ट्रेनिंग कोर्स तथा साइंस में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करके साइंस टीचर बन सकते हैं। अगर आप शुरुआत से ही साइंस के प्रति सजग हो जाते हैं तो इस विषय में आगे बढ़ना आपके लिए काफी आसान हो जाता है इसीलिए आपको कक्षा 10 के बाद विज्ञान संकाय का चुनाव करना चाहिए 11वीं कक्षा में प्रवेश लेते समय आपको विज्ञान संकाय के विषय का चुनाव करके उसमें अध्ययन करना चाहिए। इसमें भौतिक विज्ञान (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), गणित (Mathematics), जीवविज्ञान (Biology) आदि विषय शामिल है।
12वीं के बाद साइंस में टीचर कैसे बनें?
अगर आप और 12th क्लास पास करने के बाद साइंस टीचर बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको बीएससी विज्ञान विषय के साथ करना होगा बीएससी में विज्ञान वर्ग से कोई भी 3 विषय का चयन कर सकते हैं जिसमें वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान शामिल है। इसमें से आप किसी भी एक विषय का चयन करके बीएससी कंप्लीट कर सकते हैं। अगर आप विज्ञान के इन विषय में अच्छा अध्ययन करेंगे तो बीएससी करने के बाद शिक्षण प्रशिक्षण डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना आपके लिए काफी आसान हो जाएगा क्योंकि वर्तमान समय में शिक्षण प्रशिक्षण की डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए न्यूनतम प्राप्तांक प्रतिशत की अनिवार्यता लागू की गई है।
केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्यों की सरकारों के टीचर भर्ती नियमों में ग्रेजुएशन में न्यूनतम ग्रह प्राप्तांक प्रतिशत प्राप्त करना अनिवार्य रखा गया है। इस बात का आपको विशेष ध्यान रखना है अगर आप सामान्य श्रेणी के आवेदक की सूची में आते हैं। तो आपको न्यूनतम परीक्षा प्राप्तांक 50 परसेंट लाना होगा विभिन्न राज्यों के नियमानुसार आरक्षित वर्गों को 5% की छूट दी गई है। यह छूट अलग राज्यों पर निर्भर करती है विज्ञान विषय में ग्रेजुएशन करने के बाद साइंस टीचर बनने के लिए कोई अध्यापक प्रशिक्षण डिग्री पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना जरूरी है।
B.SC. के बाद साइंस टीचर कैसे बनें?
साइंस में B.Sc. पूरा करने के बाद साइंस टीचर बनने के लिए Teacher Training Course करना होगा। यह टीचर ट्रेनिंग कोर्स स्नातक स्तरीय होना चाहिए जैसे B.Ed. यानी कि Bachelor of education इस कोर्स को करने के लिए 2 वर्ष की समय अवधि निर्धारित की गई है यह कोर्स किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार से संबंधित विश्वविद्यालय एवं एनसीटीई से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। B.Sc. और बीएड या उसके समकक्ष कोई अन्य अध्यापक प्रशिक्षण डिग्री पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आप साइंस टीचर बनने के योग्य हो जाते हैं।
अब भी आपको सरकारी विद्यालय में साइंस टीचर बनाने के लिए आवेदन करने हेतु एक और चरण से गुजरना होगा और वह चरण हैं अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना। देश के विभिन्न राज्यों द्वारा अध्यापक पात्रता परीक्षा का समय-समय पर आयोजन करवाया जाता है संबंधित भर्तियों के लिए आयोजित पात्रता परीक्षा के तहत आवेदन करके आपको उस परीक्षा को पास करना है यदि आप केंद्र सरकार द्वारा आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको CTET (Central Teacher Eligibility Test) देना होगा यह टेस्ट सामान्यत हिंदी, अंग्रेजी विज्ञान इत्यादि विषय से संबंधित होता है
साइंस टीचर कितने प्रकार के हैं? —
साइंस टीचर यानी विज्ञान का अध्यापक बनाने के लिए आपको विज्ञान विषय से B.Sc. करना होगा। अब b.ed या अन्य कोई टीचर ट्रेनिंग कोर्स कर सकते हैं इस कोर्स को पूरा करने के बाद अब आपको टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना होगा। इस टेस्ट को पास करने के बाद साइंस टीचर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त करना होगा। साइंस टीचर के तहत विभिन्न प्रकार की श्रेणियों के अनुसार पद निर्धारित किया जाता है और उसी के आधार पर वेतन दिया जाता है अलग-अलग योग्यता के आधार पर अलग-अलग पद उपलब्ध कराया जाता है।
प्राथमिक कक्षाओं के लिए विज्ञान अध्यापक — कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों का अध्यापन कराने वाले शिक्षकों को तृतीय श्रेणी अध्यापक यानी 3rd Grade Teacher कहा जाता है। थर्ड ग्रेड साइंस टीचर बनने के लिए विज्ञान विषय के साथ बीएसएससी एवं बीएड तथा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। ऐसा करने के बाद आप एक तृतीय श्रेणी विज्ञान शिक्षक के पात्र हो जाएंगे।
माध्यमिक कक्षाओं के लिए विज्ञान टीचर — कक्षा 9 से लेकर कक्षा 10 को माध्यमिक विद्यालय कहते हैं इस श्रेणी को द्वितीय श्रेणी या 2nd Grade Teacher या फिर वरिष्ठ अध्यापक भी कहते हैं। इस श्रेणी के अंतर्गत विज्ञान विषय के अध्यापक बनने के लिए आपको विज्ञान विषय में ग्रेजुएशन एवं B.ed करना होगा। इसके अलावा अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद आप एक Trained Graduate Teacher बन जाएंगे जोकि सेकंड ग्रेड अध्यापक ही होता है।
उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए विज्ञान टीचर — उच्च माध्यमिक विद्यालय को हाई स्कूल भी कहते हैं इस स्कूल में कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है इसे प्रथम श्रेणी का अध्यापक या 1st Grade Teacher कहा जाता है। इसके अलावा इस स्कूल के अध्यापक को लेक्चरर नाम से भी जाना जाता है यह सबसे उच्च श्रेणी का अध्यापक होता है इस विद्यालय में विज्ञान विषय पढ़ाने के लिए साइंस टीचर का पोस्टग्रेजुएट एवं बीएड होना चाहिए। इसके अलावा भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के विषय के तहत ग्रेजुएशन एवं M.Sc भी पास किया हुआ होना चाहिए।
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Conclusion
Science Teacher का काफी महत्वपूर्ण पद होता है साइंस टीचर कक्षा 5 से लेकर कक्षा 12 तक होता है। यहां तक कुल 3 श्रेणी में शिक्षकों को विभाजित किया जाता है जिनमें फर्स्ट ग्रेड टीचर सेकंड ग्रेड टीचर और थर्ड ग्रेड टीचर होते हैं। इनग्रेड के अनुसार टीचर बनने के लिए अलग-अलग शिक्षण योग्यताएं निर्धारित की गई है। कोई भी अभ्यर्थी इन योग्यता के आधार पर इस लेवल का टीचर बन सकता है। इसके अलावा अगर आप चाहे तो Private Science Teacher भी बन सकते हैं या फिर आप एक कोचिंग सेंटर में बच्चों को अध्ययन भी करवा सकते हैं। वर्तमान समय में कोचिंग सेंटर के अध्यापक विद्यालय की तुलना में अधिक पैसे कमाते हैं और यहां अधिक सम्मान भी मिलता है। Science Teacher Kaise Bane इस विषय में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में बता दी गई है उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आएगी।